आज के परिप्रेक्ष्य में बेरोजगारी एवं बढ़ती मंहगाई से भी इसका कोई संबंध नहीं है- एक आदमी रोटी बेलता है एक आदमी रोटी खाता है एक तीसरा आदमी भी है जो न रोटी बेलता है, न रोटी खाता है वह सिर्फ़ रोटी से खेलता है मैं पूछता हूँ-- 'यह तीसरा आदमी कौन है ?' मेरे देश की संसद मौन है। कृपया comment✍️ करें। 🙏 सधन्यवाद🙏 फेसबुक पेज👉 https://www.facebook.com/101906338006370/posts/110881913775479/
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